प्राथमिक प्रतिक्रिया संबंधों का प्रबलन ही करती चलती हैं।
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प्राथमिक प्रतिक्रिया देने को अभिशप्त होता है।
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मेरा प्राथमिक प्रतिक्रिया कैसे शक्तिशाली और महत्वपूर्ण ऐसी कहानियाँ हैं...
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और आगे की अनुकूलन की कार्यवाहियां इन प्राथमिक प्रतिक्रिया संबंधों का प्रबलन ही करती चलती हैं।
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क्या सचमुच ही प्राथमिक प्रतिक्रिया या इच्छा अर्थात दिल की आवाज़ शुद्ध और सही होती है? चलिए देखते हैं।
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वस्तु और शिल्परूप और अन्तरात्मा, रचना-प्रक्रिया और पाठक की प्राथमिक प्रतिक्रिया सबमें एक अजब ग्रिमनेस, मैं बचकर कहां जा सकता हूँ।
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वस्तु और शिल्परूप और अन्तरात्मा, रचना-प्रक्रिया और पाठक की प्राथमिक प्रतिक्रिया सबमें एक अजब ग्रिमनेस, मैं बचकर कहां जा सकता हूँ।
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जब किसी को भय का आभास होता है तो प्राथमिक प्रतिक्रिया यही होती है कि वह उसे झुठलाने का प्रयास करता है।
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वस्तु और शिल्परूप और अन्तरात्मा, रचना-प्रक्रिया और पाठक की प्राथमिक प्रतिक्रिया सबमें एक अजब ग्रिमनेस, मैं बचकर कहां जा सकता हूँ।
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यानि समान परिस्थितियां पैदा होने पर उनका यह ढांचा ही, अपने इन्हीं अनुकूलित प्रतिवर्तों के अनुसार ही इसी तरह की प्राथमिक प्रतिक्रिया देने को अभिशप्त होता है।